हिंदी साहित्य के प्रति समर्पित विदुषी कवियित्री और लेखिका डॉ. अंजना सिंह सेंगर का जन्म उत्तर प्रदेश के जालौन जिलान्तर्गत लिटावली गांव में हुआ I परास्नातक शिक्षा ग्रहण करने के बाद आपने शोध-कार्य किया और डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की I आपका सेवा-कार्य केंद्र सरकार में बतौर वरिष्ठ अधिकारी शुरू हुआ और आपने दो दशक से अधिक अवधि तक शासकीय सेवा की I इसके बाद समाज और साहित्य सेवा का गुरुतर दायित्व संभाला I समाज और साहित्य के क्षेत्र में योगदान देने का आपके मन में बचपन से ही बीजारोपण हो गया था, जो सरकारी सेवा के दौरान अंकुरित और पुष्पित-पल्लवित होने के लिए मचल रहा था I समाज और साहित्य के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए आपने शासकीय सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृति ले ली I तब से अनवरत उल्लेखनीय और स्तुत्य-सेवा कार्य कर रही हैं I
संस्कारयुक्त बेहतर शिक्षा प्रगति का आधार है I इसे ध्यान में रखकर आपने शिक्षा के क्षेत्र में सेवा-कार्य शुरू किया और अपनी ससुराल के गृह नगर प्रतापगढ़ में शिक्षा-केंद्र की स्थापना की I आपके संस्थान में शिशु, किशोर और युवा गहन और उत्कृष्ट शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं I आपने तकनीकी शिक्षा प्रदान करने के लिए इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेज खोले , जहाँ से डिग्री हासिल कर युवा देश-विदेश की विभिन्न नामी कंपनियों में काम कर रहे हैं I बड़ी संख्या में ग्रामीण युवाओं के भी सपने साकार हो रहे हैं, जो महानगरों के महंगें संस्थानों में आर्थिक तंगी के कारण नहीं पढ़ सकते थे I आप आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों की भरपूर मदद करतीं हैं, ताकि उनका भविष्य उज्जवल हो I आप बद्रीनारायण सिंह एजुकेशनल ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूशंस एवं संस्कार ग्लोबल स्कूल की चेयरपर्सन हैं I इसके अलावा राष्ट्रीय महिला काव्य मंच की उत्तर प्रदेश इकाई की अध्यक्ष हैं I
डॉ. अंजना सिंह सेंगर जी के सेवा-कार्य को उनके पति आई.ए.एस. श्री चंद्रभूषण सिंह जी भरपूर सहयोग प्रदान करते हैं I अंजना जी के मन के पंख को वे मजबूती प्रदान करते हैं I शायद इसीलिए अंजना जी ने अपनी प्रथम साहित्यिक कृति का नाम "मन के पंख" रखा I इस कृति में आपकी उत्कृष्ट छंदबद्ध और आधुनिक कविताएँ हैं I "मन के पंख" काव्य-संग्रह को अपार लोकप्रियता मिली है I साहित्य अनुरागी ही नहीं, बल्कि तत्कालीन उप-प्रधानमंत्री श्री लालकृष्ण आडवाणी ,उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री राजनाथ सिंह व श्री कल्याण सिंह समेत कई दिग्गज नेता भी इस पुस्तक को पढ़ चुके हैं I उन्होंने इस सृजन की भूरि-भूरि सराहना की है I देश के महान गीतकार श्री गोपालदास नीरज ने इस कृति को बेहद सराहा था I ''करवा चौथ'' रचना सुनकर वे अत्यंत खुश हुए थे और कहा था कि अब तक उन्होंने ऐसी रचना किसी कवियित्री से नहीं सुनी I डॉ. अंजना सिंह की दूसरी कृति "जुगनू की जंग" है , जो शीघ्र ही प्रकाशित होने वाली है I यह पुस्तक भी बेजोड़ है I जुगनू प्रतीक के माध्यम से आपने सतत उजाले की ओर बढ़ने, उजाला करने का सन्देश दिया है, देश और समाज की प्रगति के लिए लोगों को प्रेरित किया है I अंजना जी की उर्दू साहित्य में भी गहन रूचि है I आपका उर्दू गजल संग्रह "जुस्तजू" प्रकाशनाधीन हैं I आपके कुछ दोहे एवं मुक्तक "तन दोहा मन मुक्तिका" में भी प्रकशित हुए I इसके अलावा देश की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में आपकी रचनाएँ लेख, कविताएं, लघुकथाए प्रकाशित होती रहतीं हैं Iकविता और शायरी के मंचों में भी आपको काफी लोकप्रियता मिली है I आपने देश में ही नहीं, बल्कि दुबई में भी देशभक्ति पूर्ण कवितायें सुनकर वाहवाही लूटी है, अपने देश और गाँव का मान बढ़ाया है I
उत्कृष्ट साहित्यिक योगदान के लिए आपको देश में कई अवार्ड मिले I इतना ही नहीं, दुबई के भारतीय दूतावास में आपको आठवां एशियाई लिट्रेरी एक्सीलेंस अवार्ड मिला I इसके पहले मुंबई में २६वां आशीर्वाद राजभाषा सारस्वत संम्मान मिला था I आपको कला श्री सम्मान, साहित्य गौरव सम्मान, डॉ. हरिऔध साहित्य रत्न सम्मान, नारी शक्ति सम्मान, गीतिका श्री सम्मान, मुक्तक लोक भूषण सम्मान समेत कई सम्मान मिल चुके हैं I डॉ. अंजना सिंह निरंतर सेवा के क्षेत्र में बढ़ रहीं हैं I आप बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के अलावा नारी-उत्थान, किसान-उत्थान की दिशा में भी कार्य कर रहीं हैं I साहित्य में आप वही लिखतीं हैं, जो करतीं हैं I कपोल कल्पना नहीं, बल्कि यथार्थ को आप सामने लाती हैं I साहित्य के जरिए आप जन चेतना जगा रहीं हैं I यह बड़ा पुनीत कार्य है I
ऐसी महान हिंदी सेविका,साहित्य के प्रति समर्पित उत्कृष्ट लेखिका, विदुषी व लोकप्रिय कवियित्री डॉ. अंजना सिंह सेंगर को साहित्य व शिक्षा के क्षेत्र में उनके द्वारा दिए गए उत्कृष्ट एवं सराहनीय योगदान के लिए अवार्ड काउंसिल ऑफ़ इंडिया अपने अवार्ड पोर्टल पर उन्हे "साहित्य सेवा गौरव" अवार्ड के साथ शामिल एवं प्रदर्शित करते हुए हर्ष व गौरव का अनुभव कर रही है I